उत्तराखंड : अस्पताल के बाथरूम में नाबालिग ने बच्ची को दिया जन्म, पढ़े पूरा मामला

मामला पिथौरागढ़ जिले का है, जहां जिला अस्पताल में एक किशोरी ने बच्चे को जन्म दिया है। वहीं लोगों के डर से किशोरी और साथ आई उसकी मां वहां से नवजात को छुपा कर ले गई और उसे कहीं दफना दिया। 


उत्तराखंड : प्रदेश में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक किशोरी ने जिला अस्पताल के बाथरूम में एक नवजात को जन्म दिया है। मामला पिथौरागढ़ जिले का है, जहां जिला अस्पताल में एक किशोरी ने बच्चे को जन्म दिया है। वहीं लोगों के डर से किशोरी और साथ आई उसकी मां वहां से नवजात को छुपा कर ले गई और उसे कहीं दफना दिया। कुछ दिनों बाद किशोरी की तबीयत खराब होने पर परिजन उसे जिला महिला अस्पताल लाए। यहां चिकित्सकों ने किशोरी से तबीयत के बारे में पूछताछ की तो किशोरी ने सारी हकीकत बता दी। 

इसके बाद यह मामला पुलिस तक पहुंचा और परिजनों की निशानदेही पर नवजात का शव गड्ढे से निकाला गया। डॉक्टरों के पैनल ने बुधवार को पोस्टमार्टम किया। किशोरी को बाल कल्याण समिति (सीडब्लूसी) के पास भेजा गया है। 

हालांकि राजस्व पुलिस क्षेत्र का मामला होने के कारण कोतवाली पुलिस कुछ नहीं बता रही है। दफनाते समय शिशु जिंदा था या मृत, इसका भी खुलासा नहीं हो सका है। पेट में दर्द और प्राइवेट पार्ट में जलन होने पर कनालीछीना क्षेत्र की किशोरी दो जनवरी को अपनी मां के साथ जिला अस्पताल आई। 

यहां किशोरी ने आपातकालीन कक्ष में दिखाया तो चिकित्सकों ने उन्हें अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी। कुछ देर अस्पताल में रुकने के बाद किशोरी बाथरूम गई तो उसने वहीं बेटी को जन्म दे दिया। इसके बाद लोकलाज के डर से परिजन अस्पताल प्रबंधन को बताए बिना नवजात को छुपाकर घर ले गए।

इसके बाद परिजनों ने नवजात को दफना दिया। तब शिशु जिंदा या मृत था, इसका पता नहीं चल सका है। इसके दो दिन बाद स्वास्थ्य बिगड़ने पर परिजन किशोरी को दोबारा जिला महिला अस्पताल लाए। यहां हुई पूछताछ में किशोरी ने चिकित्सकों को हकीकत बता दी। तभी मामला पुलिस तक पहुंचा।

परिजनों की निशानदेही पर पुलिस टीम ने दफनाए गए नवजात का शव निकाला। बुधवार को दो चिकित्सकों के पैनल ने नवजात का पोस्टमार्टम किया। पुलिस का कहना है कि मामला राजस्व पुलिस क्षेत्र का है। चर्चा है कि किशोरी ने अधिक पूछताछ करने पर आत्महत्या तक की चेतावनी दी है।

नाबालिग ने जिला अस्पताल में उम्र 19 साल दर्ज कराई थी

पिथौरागढ़ जिला अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में नाबालिग ने चिकित्सकों को अपनी उम्र 19 बताई थी। इसके बाद जब मामला पुलिस तक पहुंचा तो शैक्षिक अभिलेखों में किशोरी की उम्र 17 साल कुछ माह मिली।   

जब किशोरी को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत हुई तब महिला अस्पताल आई। यहां उसका उपचार किया गया। किशोरी की तबीयत ठीक है। वह नाबालिग है। इसलिए पुलिस को सूचना दी गई थी। 

-जेएस नबियाल, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल पिथौरागढ़

किशोरी अपनी मां के साथ दो जनवरी को जिला अस्पताल आई थी। उस दिन आपातकालीन कक्ष में पहली ओपीडी इसी लड़की की हुई थी। अस्पताल के बाथरूम में बच्चा पैदा होने की जानकारी महिला अस्पताल प्रबंधन की ओर से उन्हें मिली। मामले की जांच की गई तो डिलीवरी से संबंधित कुछ भी नहीं मिला। चिकित्सकों के पैनल ने नवजात बच्ची का पोस्टमार्टम किया है।

- डॉ. केसी भट्ट, प्रभारी पीएमएस, जिला अस्पताल पिथौरागढ़

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