उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू ने निर्देश दिए कि ट्रैफिक नियमों के दूसरी बार उल्लंघन पर वाहन चालक का लाइसेंस छह माह के लिए निलंबित कर दिया जाए। तीसरी बार नियमों का उल्लंघन करने पर लाइसेंस एक साल के लिए निलंबित हो।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू ने निर्देश दिए कि ट्रैफिक नियमों के दूसरी बार उल्लंघन पर वाहन चालक का लाइसेंस छह माह के लिए निलंबित कर दिया जाए। तीसरी बार नियमों का उल्लंघन करने पर लाइसेंस एक साल के लिए निलंबित हो। उन्होंने कहा कि बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चलाने वालों को कीमत लेकर नया हेलमेट दिया जाए, साथ ही नियमों के तहत निर्धारित जुर्माने की 50 फीसदी राशि भी वसूली जाए।
राज्यस्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इनोवेटिव विकल्पों और हरसंभव प्रयासों को संजीदगी से अमल में लाएं। उन्होंने प्रत्येक विकासखंड स्तर पर भी उपजिलाधिकारियों की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति गठित करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि सड़क सुरक्षा के सुधारीकरण के कार्यों की तीव्र प्रगति के लिए नियमित मॉनिटरिंग की जाए। लाइसेंस जारी करते समय पूरी प्रक्रिया का ठीक से अनुपालन करें।
बिचौलियों से लाइसेंस नहीं बनना चाहिए
संधू ने परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि विभिन्न श्रेणी के लाइसेंस बनाते समय ट्रायल-ट्रेस्टिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग रखें तथा ट्रायल का डेटा पोर्टल पर अपलोड करें, ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी मीडिएटर (मध्यस्थ) के माध्यम से लाइसेंस न बनवा सके।
चौराहों पर रडार तकनीक इस्तेमाल हो
उन्होंने परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को निर्देश दिए कि मुख्य चौराहों और मुख्य सार्वजनिक रूट पर सीसीटीवी कैमरों के साथ ही रडार और स्पीड इन्टरसेप्टर तकनीक का इस्तेमाल करें। इस तकनीक को चौपहिया और दो पहिया वाहनों में भी लगाएं।
मजिस्ट्रेट जांच दो माह में पूरी करें
मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित पूर्व की जितनी भी मजिस्ट्रेट जांच अभी तक लंबित हैं, उनका दो माह के भीतर निपटारा करें। आगे से प्रत्येक मजिस्ट्रेट जांच को हर हाल में तीन माह के भीतर निपटाएं।
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