नवंबर में कनिष्ठ सहायक की भर्ती निकालने के बाद से अभी तक आयोग ने समूह-ग की कोई भर्ती नहीं निकाली है। 12 से ज्यादा भर्तियों के प्रस्ताव (अधियाचन) वर्तमान में शासन के पास लंबित हैं। इनमें मामूली संशोधन होने हैं, जिनके आगामी जून तक पूरे होने की संभावना जताई जा रही है।
उत्तराखंड: प्रदेश में समूह-ग के करीब 500 पदों पर भर्ती के लिए इसी महीने विज्ञप्ति जारी होने जा रही है। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। इसमें एक भर्ती की विज्ञप्ति तो आगामी दो से चार दिन में निकल जाएगी।
राज्य लोक सेवा आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, मानचित्रकार-प्रारूपकार के 60 पदों पर भर्ती का विज्ञापन आगामी दो से चार दिन के भीतर जारी हो सकता है। आयोग के सचिव जीएस रावत ने बताया कि इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। वहीं, आयोग इसी महीने के अंतिम सप्ताह में पर्यावरण पर्यवेक्षक-प्रयोगशाला सहायक के 434 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी करेगा। इसकी भी तैयारी की जा रही है।
आपको बता दें कि नवंबर में कनिष्ठ सहायक की भर्ती निकालने के बाद से अभी तक आयोग ने समूह-ग की कोई भर्ती नहीं निकाली है। 12 से ज्यादा भर्तियों के प्रस्ताव (अधियाचन) वर्तमान में शासन के पास लंबित हैं। इनमें मामूली संशोधन होने हैं, जिनके आगामी जून तक पूरे होने की संभावना जताई जा रही है। जो भर्तियां मई में निकाली जाएंगी, उनकी परीक्षा तिथि अभी तय नहीं है।
सहायक लेखाकार भर्ती परीक्षा की उत्तर कुंजी जारी
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने बृहस्पतिवार को सहायक लेखाकार परीक्षा की उत्तर कुंजी जारी कर दी है। यह परीक्षा सात मई को हुई थी। परीक्षा के प्रश्नपत्रों के चारों सेट की उत्तर कुंजी वेबसाइट से डाउनलोड की जा सकती है। साथ ही आयोग ने इस पर आपत्ति जताने के लिए 12 मई से 18 मई तक का समय दिया है। प्रति प्रश्न आपत्ति जताने के लिए 50 रुपये शुल्क देना होगा। आपत्ति केवल ऑनलाइन दर्ज कराई जा सकती है। अन्य किसी माध्यम से आने वाले आपत्तियों पर आयोग विचार नहीं करेगा।
फॉरेस्ट गार्ड भर्ती के 52 अभ्यर्थियों को राहत
फॉरेस्ट गार्ड भर्ती के 52 अभ्यर्थियों ने राज्य लोक सेवा आयोग के सामने अपने नाम, जन्मतिथि, प्रमाणपत्र आदि से संबंधित प्रत्यावेदन रखे थे। आयोग ने इन सभी पर बिंदुवार विचार किया और उनका निस्तारण कर दिया है। आयोग ने नाम आदि में परिवर्तन के संबंध में स्वघोषणापत्र को स्वीकार कर लिया है। वहीं, जिन अभ्यर्थियों ने जाति का गलत उल्लेख कर दिया था, उसमें भी संशोधन के प्रत्यावेदन स्वीकार करते हुए निस्तारित कर दिए हैं।
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