कोटद्वार जाने के लिए बसों का टोटा, घंटों करना पड़ रहा इंतजार

कोटद्वार जाने के लिए यात्रियों को रोडवेज बसों की घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। रोडवेज बसों के अभाव में यात्रियों को मजबूरन डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है।


उत्तराखंड :
कोटद्वार जाने के लिए यात्रियों को रोडवेज बसों की घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। रोडवेज बसों के अभाव में यात्रियों को मजबूरन डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। डग्गामार वाहन चालक रोडवेज निगम को आर्थिक नुकसान तो पहुंचा ही रहे हैं, साथ ही यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाकर निर्धारित किराए से अधिक धनराशि भी वसूल कर रहे हैं।

नगर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग रोजाना रोजगार, नौकरी, मेहनत मजदूरी व जरूरी काम से कोटद्वार आते-जाते हैं। कोटद्वार से भी लोग नजीबाबाद पहुंचते हैं। कोरोना काल में नजीबाबाद-कोटद्वार के बीच चलने वाली ट्रेनों के बंद होने के बाद यात्रियों ने रोडवेज बसों की ओर रुख किया। 

कोटद्वार मार्ग पर सीमित बसें होने से लोग परेशान हैं। विशेषकर मेहनत मजदूरी व नौकरीपेशा लोगों को रोजाना सुबह रोडवेज डिपो पर घंटों बसों का इंतजार करना पड़ रहा है। स्थानीय डिपो से कोटद्वार के लिए बसें नहीं लगाई जातीं। 

दिल्ली से कोटद्वार जाने वाली बसों का का इंतजार करना पड़ता है। बसों का टोटा होने से डग्गामार वाहन इसका फायदा उठाकर रोडवेज निगम को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं डग्गामार वाहनों में क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाया जा रहा है। कोरोना से बचाव के मानकों की अनदेखी के चलते यात्रियों में भय व्याप्त है। राहुल कुमार, अभिषेक, गौतम, मोहन, बाबूराम आदि ने रोडवेज प्रशासन से डिपो परिसर से ही कोटद्वार के लिए बस चलवाने की मांग की है।

नजीबाबाद के एआरएम प्रभात चौधरी का कहना है कि दिल्ली-कोटद्वार के बीच चलने वाली बसें ही कोटद्वार पहुंचती हैं। अन्य रूटों पर बसों की मांग होने के कारण कोटद्वार के लिए स्थानीय डिपो से कोई डायरेक्ट बस फिलहाल नहीं चलाई जाती है। उच्चाधिकारियों के निर्देश व यात्रियों की मांग पर समस्या का समाधान किया जाएगा।

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