चिपको आंदोलन के नेता और जानेमाने पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा ने कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे किसानों को अपना समर्थन दिया है।
उत्तराखंड : तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 23वां दिन है। आंदोलन को लगातार देशभर से समर्थन मिल रहा है। किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं, तो सरकार पीछे हटने का नाम नहीं ले रही है। किसान लगातार दिल्ली के सीमाओं पर धरना दे रहे हैं।
बता दें, इस दौरान केंद्र सरकार किसानों को मनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही, लेकिन फिर भी किसान यूनियन अपनी मांगो पर अड़े हुए है। किसानों की मांग है की नए कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द किया जाए। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इसी बीच चिपको आंदोलन के नेता सुंदरलाल बहुगुणा ने भी किसान आंदोलन का समर्थन किया है।
आपको बता दें, इस बीच किसानों को उत्तराखंड से भी लगातार समर्थन मिल रहा है। ANI न्यूज एजेंसी के अनुसार चिपको आंदोलन के प्रणेता पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा भी कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में आ गए हैं। चिपको आंदोलन के नेता और जानेमाने पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा ने कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे किसानों को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा, ‘मैं अन्नदाताओं की मांग का समर्थन करता हूं।’
Chipko movement leader Sundarlal Bahuguna extends his support to farmers protesting against the three farm laws, says, "I support the demands of the 'annadatas' ". pic.twitter.com/ni9cMuwKFx
— ANI (@ANI) December 18, 2020
उधर, किसानों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुझाये गए एक समिति बनाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। किसानों का कहना है कि इससे समस्या का हल नहीं निकलने वाला है। किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव श्रणव सिंह पंढेर ने कहा, ‘कमेटी बनाना समस्या का हल नहीं है, पहले भी किसानों ने छोटी कमेटी बनाने से इनकार किया था।’
उन्होंने कृषि मंत्री के पत्र को भी भ्रमित करने वाला बताया। श्रणव सिंह ने कहा, ‘तोमर जी ने कल जो चिट्ठी लिखी है वो देश को भ्रमित करने वाली है, उसमें कुछ नया नहीं है। कुछ नया होता तो हम उस पर टिप्पणी करते।’

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