उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की ओर से उत्तराखंड बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (UBSE) ने कक्षा 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के तारीखों की घोषणा हो चुकी है।
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की ओर से उत्तराखंड बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (UBSE) ने कक्षा 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के तारीखों की घोषणा हो चुकी है। राज्य में 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन मई में कराया जाएगा। वहीं, 10वीं व 12वीं बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षाएं अप्रैल में आयोजित होंगी। संबंधित परीक्षाओं का विस्तृत टाइमटेबल और एग्जामिनेशन स्कीम यानी डेटशीट भी जल्द आने वाली है।
उत्तराखंड बोर्ड परीक्षाएं 04 मई से शुरू
10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं 04 मई से लेकर 22 मई तक होंगी। हाल ही में परीक्षाओं संबंधी जानकारी देते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया था कि उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की ओर से राज्य में 10वीं और 12वीं बोर्ड की लिखित परीक्षाएं 04 मई से लेकर 22 मई तक आयोजित की जाने का निर्णय लिया गया है। राज्य बोर्ड की ओर से 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं की विस्तृत डेटशीट जारी की जाने के बाद सबसे पहले अमर उजाला डॉट कॉम पर आपको यह डेट शीट उपलब्ध कराई जाएगी।
अप्रैल में होंगी प्रैक्टिकल परीक्षाएं
राज्य बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा की प्रैक्टिकल परीक्षाएं अप्रैल में आयोजित होंगी। 12वीं कक्षा की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 03 अप्रैल, 2021 से लेकर 25 अप्रैल, 2021 तक चलेंगी। जबकि 10वीं कक्षा की प्रैक्टिकल परीक्षाएं भी 03 अप्रैल, 2021 से 25 अप्रैल, 2021 तक होंगी। 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं सुबह 8:00 बजे से 11:00 बजे तक और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं दोपहर 2:00 बजे से 5:00 बजे तक होंगी।
जानकारी मुताबिक़, उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की ओर से बताया गया कि 23 मई से 29 मई तक लिखित उत्तर पुस्तिकाएं उप संकलन केंद्रों द्वारा मुख्य संकलन केंद्र पर जमा की जाएंगी। जबकि 10वीं और 12वीं कक्षा की लिखित उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य 01 जून से 15 जून तक होगा।
वहीं, बोर्ड की योजनानुसार रिजल्ट की घोषणा भी 16 जून से 15 जुलाई के बीच कर दी जाएगी। बता दें कि बीते साल देशभर में कोविड-19 के चलते 10 माह से स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हुई है। हालांकि, इस दौरान ऑनलाइन, सोशल मीडिया और रेडियो संचार के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का प्रयास किया गया था।कई राज्यों में बोर्ड परीक्षाओं का पाठ्यक्रम घटाया गया है।
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