छात्र ने तैयार की 'एंटी कोरोना पिचकारी' सोशल डिस्टेंसिंग को रखेगी बरकरार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एक छात्र ने ऐसी पिचकारी का निर्माण किया है जो सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखते हुए होली का रंग जमायेगी।



पिछले साल मार्च के महीने में कोरोना ने दस्तक दी थी, वहीं एक बर फिर से कोरोना की आहट ने सरकार की चिंताए बढ़ा दी है। मार्च के महीने में सभी को रंगों के त्योहार होली के फीका होने का डर सता रहा है। होली के त्योहार में सबको रंग लगाया जाता है, ऐसे में उचित दूरी का पालन करना भी कठिन है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के एक छात्र ने ऐसी पिचकारी का निर्माण किया है जो सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखते हुए होली का रंग जमायेगी। ये पिचकारी विशेष सेंसर युक्त एक दूसरे को रंग से भिगोएगी और जैसे ही लोग उचित दूरी का नियम तोड़ेगे तो ये विशेष पिचकारी लोगों को आगाह भी करेगी।

अशोका इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के छात्र विशाल पटेल ने इस पिचकारी का निर्माण किया हैविशाल ने बताया कि होली का पर्व कोरोना के चलते फीका न पड़े, इस कारण हमने एक एंटी कोरोना पिचकारी बनाई है, जो सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन तो करेगी ही, साथ ही लोगों पर रंगों की बौछार भी करेगी

इस तरह करेगी काम

छात्र विशाल पटेल ने बताया कि पिचकारी को ऊपर छत पर घर के सामने रखा जाएगा। इसके सामने आते ही इसके सेंसर एक्टिव हो जाएंगे और लोगों पर कलर फेंकने लगेगी। जब तक पिचकारी के सामने कोई नहीं आएगा, तब तक यह बंद रहेगी। सामने आते ही रंगों की बारिश होने लगेगी। यह मानव रहित पिचकारी कोरोना से लड़ने में बहुत सहायक होगी। इसके अलावा इसका प्रयोग सैनिटाइज करने में भी किया जा सकता है। इस पिचकारी को बनाने में 15 दिन लगे हैं. इसमें एक बार में 8 लीटर रंग भरा जा सकता है। इसमें 12 वोल्ट की एक बैट्री, इंफ्रारेड सेंसर, अल्ट्रा सोनिक सेंसर, स्विच, एलईडी लाइट का प्रयोग कर इसे बनाया गया है। इसे बनाने में 750 रुपये का खर्च आया है

डिपार्टमेंट ऑफ बिहेवियर आर्ट्स बीएचयू (BHU) के समन्वयक डॉ. मनीष अरोरा ने बताया कि यह अपने आप में अभिनव प्रयोग है। यह होली की खुशियों के साथ लोगों की सुरक्षा भी करेगा। इसमें मोबाइल बेस्ड सेंसर लगा होने से इंडस्ट्री में बहुत अच्छी संभावना है। संस्थान के रिसर्च डेवलपमेंट सेल के इंचार्ज श्याम चौरसिया कहते हैं कि कोरोना ने लोगों को तकनीक के सहारे जीने का रास्ता दिखाया हैबच्चों ने एक अच्छा प्रयास किया है

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