उत्तराखंड : बेरोजगारी का आलम, 854 पदों के लिए 2 लाख 19 हजार आवेदन, नहीं मिल रहे इतने परीक्षा केंद्र

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने ग्रेजुएशन पास युवाओं के लिए 854 पदों पर भर्तियों का नोटिफिकेशन नवंबर में जारी किया था। इसके लिए 10 नवंबर से आठ जनवरी 2021 तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे।


उत्तराखंड : प्रदेश से एक बड़ी ख़बर सामने आई है। सरकार के लिए अब मुसीबत का पहाड़ सामने खड़ा हो गया है। आपको बता दें, राज्य में इतनी बेरोजगारी का आलम है कि यह 854 पदों पर भर्ती के लिए आवेदनों के सारे रिकॉर्ड टूट गए। यह भर्ती उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग करा रहा है, जिसमें दो लाख 19 हजार उम्मीदवारों ने आवेदन कर दिया है। अब आयोग के लिए मई में इसकी परीक्षा करानी मुश्किल हो गई है क्योंकि इतने परीक्षा केंद्र उपलब्ध ही नहीं हो पा रहे हैं।

जानकारी मुताबिक़, बता दें, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने ग्रेजुएशन पास युवाओं के लिए 854 पदों पर भर्तियों का नोटिफिकेशन नवंबर में जारी किया था। इसके लिए 10 नवंबर से आठ जनवरी 2021 तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। आयोग ने इस भर्ती के लिए मई में परीक्षा प्रस्तावित की थी। जब आवेदनों की संख्या देखी तो होश उड़ गए। इस भर्ती के लिए दो लाख 19 हजार आवेदन आ गए। यह अब तक का सबसे उच्चतम आंकड़ा है।

इससे पूर्व फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में सर्वाधिक एक लाख 56 हजार उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। अब चूंकि कोरोना की वजह से परीक्षा केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य है, इसलिए आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती मई में परीक्षा कराने की है। इतने उम्मीदवारों की परीक्षा के लिए आयोग को परीक्षा केंद्र ही नहीं मिल रहे हैं। 

किसके कितने पदों पर निकली है भर्ती

सहायक समाज कल्याण अधिकारी- 35

छात्रावास अधीक्षक- 3

सहायक समीक्षा अधिकारी- 3

सहायक चकबंदी अधिकारी- 4

संवीक्षक- 1

संरक्षक कम डाटा एंट्री ऑपरेटर- 9

ग्राम पंचायत विकास अधिकारी- 292

सुपरवाइजर- 34

मैट्रनकेयर सह हॉस्टल इंचार्ज- 16

सहायक स्वागती- 6

सहायक प्रबंध उद्योग- 70

ग्राम विकास अधिकारी- 381

जानकारी अनुसार उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया है कि स्नातक स्तर की इस भर्ती में 2 लाख से ऊपर आवेदन आएंगे, इसका अंदाजा भी नहीं था। अब सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मई में इतने उम्मीदवारों की परीक्षा संभव नहीं हो पा रही है। इसके लिए परीक्षा केंद्र ही उपलब्ध नहीं हो रहे। भविष्य में इसके लिए विशेष योजना बनानी होगी।


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