कोटद्वार जिला होता तो दुरुस्त होती सभी व्यवस्थाएं, सुधर जाते हालात

कोटद्वार को जिला बनाने की मांग बहुत लंबे समय से चली आ रही है। घोषणाओं के बाद भी स्थिति जस की तस हैं।काशीरामपुर निवासी सुनील कुमार सहित कई अन्य क्षेत्रीय जन शुक्रवार को घर से निकले तो सड़कों पर उन्हें यातायात के हालात अन्य दिनों से बदले से नजर आए।


कोटद्वार को जिला बनाने की मांग बहुत लंबे समय से चली आ रही है। घोषणाओं के बाद भी स्थिति जस की तस हैं। आय दिन सड़कों में जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे आमजन को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 

बीते शुक्रवार को शहर की यातायात व्यवस्था देख कर लोग हैरान रह गए, इसका कारण था कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी.रेणुका देवी कोटद्वार में थी। इस कारण जिन सड़कों के किनारे पूरे दिन ट्रकों में सामान की लोडिंग-अनलोडिंग होती थी वह कहीं नजर नहीं आए। 

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ऐसी यातायात व्यवस्था देखकर हर किसी की जुबान में यही बात थी कि आज कोटद्वार अगर जिला होता तो डीएम, एसपी यही बैठना शुरू कर देते, जिससे यातायात व्यवस्था की स्थिति हमेशा बनी रहती। 

शुक्रवार को जब मोटाढाक निवासी सुखदेव सिंह, मवाकोट निवासी अनूप कुमार, सिगड्डी निवासी जगदीश सिंह, काशीरामपुर निवासी सुनील कुमार सहित कई अन्य क्षेत्रीय जन शुक्रवार को घर से निकले तो सड़कों पर उन्हें यातायात के हालात अन्य दिनों से बदले से नजर आए। एक दिन पहले तक जहां सड़क किनारे जगह-जगह बड़े वाहनों की पार्किंग नजर आती थी, शुक्रवार को सड़क किनारे खड़े वाहन गायब दिखे। 

शहर के भीतर से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति तो शुक्रवार को पूरी तरह बदली हुई थी। अन्य दिनों में जहां तमाम नियमों को ताक पर रखकर सड़क किनारे ही ट्रकों में सामान की लोडिग-अनलोडिग होती थी, शुक्रवार को कोई ट्रक सड़क किनारे नहीं नजर आ रहा था। आमजन ने हिम्मत कर चौराहे पर खड़े पुलिस कर्मियों से बदले हालात का कारण जानना चाहा तो पता चला कि शुक्रवार को एसएसपी पी. रेणुका देवी कोटद्वार प्रवास पर हैं। 

यहां बताना बेहद जरूरी है कि अन्य दिनों में सड़क किनारे बड़े वाहनों की पार्किंग के कारण नजीबाबाद रोड पर दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। ऐसा नहीं कि पुलिस को इस बात की जानकारी न हो, लेकिन कार्रवाई के नाम पर हमेशा शून्य ही नजर आता है।

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