भारत की स्टार युवा मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन को टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा है।
भारत की स्टार युवा मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन को टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा है। 22 वर्षीय महिला मुक्केबाज को सेमीफाइनल में मौजूदा विश्व चैंपियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इस मुकाबले में पहली बार ओलंपिक खेल रही लवलीना ने पूरा जोर लगाया लेकिन बुसेनाज के खिलाफ ज्यादा कुछ नहीं कर पाईं। लवलीना को महिलाओं के वेल्टरवेट (64-69 किग्रा) सेमीफाइनल मैच में वर्ल्ड चैंपियन तुर्की की बुसेनाज़ सुरमेनेली ने 0-5 से हराया।
लवलीना भले ही फाइनल में पहुंचने से चूक गईं, बावजूद इसके वह इतिहास रचने में सफल रहीं। वह अब ओलंपिक इतिहास में पदक जीतने वाली भारत की दूसरी महिला मुक्केबाज बन गई हैं। यही नहीं वह 125 साल के ओलंपिक इतिहास में असम की पहली एथलीट हैं जिन्होंने पदक जीता है। लवलीना के कांस्य पदक के साथ ही मेडल्स टैली में भारत के पदकों की संख्या तीन हो गई है। तीनों ही पदक भारतीय बेटियों ने जीते हैं, जिसमें मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर तो वहीं बैडमिंटन और मुक्केबाजी में पीवी सिंधु और लवलीना बोरगोहेन ने कांस्य पदक अपने नाम किए हैं।
𝐁𝐑𝐎𝐍𝐙𝐄 𝐈𝐓 𝐈𝐒 🥳We are proud of you @LovlinaBorgohai , you went on to @Tokyo2020 to play your maiden #Olympics and clinched 🥉 in it.It's a all time 3️⃣rd Olympic medal from #Boxing for 🇮🇳.#RingKeBaazigar#Tokyo2020#Cheer4India#TeamIndia pic.twitter.com/snmCiuWwtL— Boxing Federation (@BFI_official) August 4, 2021
0 Comments