कोटद्वार में 13 जुलाई की भीषण दैवीय आपदा में मालन पुल का एक पिलर धंस गया था। इससे लगभग 30 गांवों की 50 हजार आबादी क्षेत्र का कोटद्वार शहर से सम्पर्क बाधित हो गया था।
कोटद्वार: विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत बहने वाली मालन नदी में बना पुल 13 जुलाई की भीषण आपदा की भेंट चढ़ गया था। लोक निर्माण विभाग दुगड्डा निर्माण खंड ने मालन पुल का सर्वे कर पुनर्निर्माण के लिए उत्तराखंड शासन को डीपीआर तैयार कर भेज दिया है। उम्मीद है कि मालन का पुल जल्द बन जाएगा।
कोटद्वार में 13 जुलाई की भीषण दैवीय आपदा में मालन पुल का एक पिलर धंस गया था। इससे लगभग 30 गांवों की 50 हजार आबादी क्षेत्र का कोटद्वार शहर से सम्पर्क बाधित हो गया था। ये रुकावट अभी भी बनी हुई है। लोक निर्माण विभाग दुगड्डा ने आईआईटी बीएचयू (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) से निरीक्षण कर मालन पुल का डिजाइन तैयार कर अंतिम रूप रेखा तैयार कर ली है।
मालन पुल का पुननिर्माण वेल फाउंडेशन की तकनीक मदद से तैयार किया जायेगा। पुल का ऊपरी हिस्सा पूर्व की तरह बना रहेगा. मालन पुल का डिजाइन एवं डीपीआर लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड सचिव को भेज दिया गया है। मालन पुल की वित्तीय स्वीकृति मिलते ही जल्द विभाग निर्माण टेंडर प्रकाशित कर देगा।
आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर केके पाठक, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता पीएस बृजपाल, लोक निर्माण विभाग दुगड्डा के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने मालन पुल के समीप भूमि और नदी के बहाव का गहराई से अध्ययन किया। लोनिवि दुगड्डा के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि आईआईटी बनारस से पुल का डिजाइन तैयार कर लिया गया है। पुल के 12 पिलर वेल फाउडेशन की तकनीक मदद से निर्मित किए जाएंगे। वेल फाउडेशन की तकनीक से पुल के पिलरों को नदी के तेज बहाव में किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है।
मालन पुल पुनर्निर्माण के लिए 28.01 करोड़ रुपए का डीपीआर बना कर लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड सचिव कार्यालय को भेज दिया गया है। पुल निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति मिलने के बाद जल्द निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा। पुल बन जाने से कोटद्वार भाबर के 35 गांवों की 50-60 हजार की जनता को सुविधा मिलेगी।
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