IMA Passing Out Parade : कोटद्वार के प्रतीक सती बने सेना में अफसर, साथ ही इन युवाओं ने सैन्य परिवार की परंपरा को बढ़ाया आगे, पढ़िए पूरी खबर

सैन्य परिवेश में परवरिश और दृढ़ता की सीख। रग-रग में अनुशासन और अजेय बने रहने का संकल्प भी देश प्रेम का जुनून इनमें लहू बनकर दौड़ता है।


उत्तराखंड : IMA Passing Out Parade सैन्य परिवेश में परवरिश और दृढ़ता की सीख। रग-रग में अनुशासन और अजेय बने रहने का संकल्प भी देश प्रेम का जुनून इनमें लहू बनकर दौड़ता है। यह कहानी है, उन परिवारों की जिनके लिए सेना पेशा नहीं, बल्कि पंरपरा बन गई है।

धीरज ने तय किया एयरमैन से लेफ्टिनेंट बनने का सफर 

काशीपुर के धीरज गुणवंत ने कड़ी मेहनत और जज्बे के बूते एयर मैन से लेफ्टिनेंट बनने तक का कठिन सफर तय किया। धीरज एयरफोर्स में छह साल एयरमैन के पद पर सेवा देने के दौरान लगातार एसीसी की तैयारी करते रहे। साल 2019 में उन्हें सफलता प्राप्त हुई।

धीरज मूल रूप से मुक्तेश्वर, अल्मोड़ा के रहने वाले हैं। उनके पिता देवेंद्र गुणवंत काशीपुर में छोटा सा जनरल स्टोर चलाते हैं। मां आनंदी देवी गृहणी हैं। धीरज ने 10वीं एवं 12वीं की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय, अल्मोड़ा से की। 2009 में 12 वीं करने के बाद उन्होंने नजदीकी कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई के साथ ही सेना में भर्ती की तैयारी भी शुरू कर दी।


वर्ष 2013 में उन्होंने एयर फोर्स में एयरमैन की भर्ती परीक्षा पास कर ली, लेकिन तैयारी नहीं छोड़ी। साल 2019 में एसीसी की परीक्षा पास कर एसीसी में गोल्ड मेडल हासिल कर आइएमए में एंट्री ले ली। 

पिथौरागढ़ के पवन बने लेफ्टिनेंट

पिथौरागढ़ के पवन जोशी शनिवार को अंतिम पग पास करने के साथ ही सेना में लेफ्टिनेंट बन गए। उनके पिता जगदीश चंद जोशी भी सेना से सेवानिवृत्त हैं एवं मां भारती जोशी गृहणी। पवन ने 12वीं की पढ़ाई सैनिक स्कूल घोड़ाखाल की। 2016 में ही उन्होंने एनडीए की परीक्षा पास कर ली। उधर, हल्द्वानी निवासी मोहित पांडे भी सैन्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता देवकी नंदन पांडे बंगाल इंजीनियर्स से सेवानिवृत्त हैं। पिता की ही प्रेरणा से मोहित अब सेना में अफसर बन गया है।



कोटद्वार के प्रतीक सती बने सेना में अफसर

कोटद्वार निवासी प्रतीक सती ने लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशन प्राप्त कर क्षेत्र और अपने परिजनों का नाम रोशन किया है। प्रतीक ने चार साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद 12 दिसंबर को मऊ टेली कम्युनिकेशन कॉलेज मध्यप्रदेश से पास आउट किया। प्रतीक के आर्मी अफसर बनने की सूचना मिलने से परिजनों व क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है।

कोटद्वार के सिद्धबली मार्ग निवासी प्रतीक सती के पिता आरपी सती शिक्षा विभाग में खंड शिक्षा अधिकारी रुड़की में तैनात हैं, मां अलका सती गृहणी है और बड़ा भाई आलोक सती कंप्यूटर इंजीनियर है। पिता आरपी सती ने बताया कि उनके होनहार बेटे प्रतीक ने वर्ष 2006 में दून इंटरनेशनल स्कूल देहरादून से 12वीं की परीक्षा पास की। 


इसके बाद उसने दिल्ली विश्वविद्यालय में फिजिक्स ऑनर में प्रवेश लिया। इसी दौरान उसने टेक्निकल इंट्री स्कीम-36 (टीईएस) की परीक्षा दी, जिसमें वह पास हो गया। एसएसबी पास करने के बाद उसका चयन सिगनल कोर के लिए हो गया। प्रतीक ने एक वर्ष बिहार के गया में प्रशिक्षण लिया और उसके बाद तीन वर्ष मऊ मध्यप्रदेश स्थित टेलीकम्युनिकेशन कॉलेज से प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रतीक ने शनिवार को लेफ्टीनेंट कमीशन प्राप्त किया हैै।

चंपावत के नितिन बने अफसर

चंपावत के मुडियानी गांव के रहने वाले नितिन सिंह बोहरा शनिवार को सेना में अफसर बन गए। उनके पिता मोहन सिंह बोहरा भी सेना से रिटायर्ड हैं और मां भागीरथी देवी गृहणी। नितिन ने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल, मुंबई से की। इसके बाद मुंबई के ही एक इंजीनियरिंग  कॉलेज से मकैनिकल ब्रांच से बीटेक किया। 

नितिन ने बताया कि पिता से ही सेना में जाने की प्रेरणा मिली। इंजीनियरिंग के साथ ही सीडीएस की तैयारी भी शुरू कर दी। खुशकिस्मती से इंजीनियरिंग की पढ़ाई साल 2019 में पूरी होने के साथ ही सीडीएस में भी चयन हो गया।


Post a Comment

0 Comments