कैडेट अमित राज ने अपनी जान गवांकर बचाई 3 बच्चों की जिंदगियां, सेना ने किया सेल्यूट

आग की लपटों में घिरे तीन बच्चों को देखकर जब हर कोई मदद की गुहार लगा रहा था, तब कैडेट अमित राज ने आगे बढ़कर अपनी जान की परवाह किए बिना, उनकी जान बचाई।


राष्ट्रीय : आग की लपटों में घिरे तीन बच्चों को देखकर जब हर कोई मदद की गुहार लगा रहा था, तब कैडेट अमित राज ने आगे बढ़कर अपनी जान की परवाह किए बिना, उनकी जान बचाई। लेकिन दुर्भाग्य से वह खुद को न बचा सके। सैनिक स्कूल, पुरुलिया के 15 वर्षीय कैडेट अमित राज की बहादुरी को आज हर कोई याद कर रहा है। इस छोटी सी उम्र में अमित ने अपनी जान गंवाकर तीन बच्चों की जिंदगी बचाई।  

आग की लपटों में घिरे बच्चों को देखकर जब हर कोई मदद की गुहार लगा रहा था, तब अमित ने आगे बढ़कर अपनी जान की परवाह किए बिना, उनकी जान बचाई। लेकिन दुर्भाग्य से वह खुद को न बचा सके। अमित की इस बहादुरी को खुद भारतीय सेना ने भी सैल्यूट किया है। 

बता दें कि मूल रूप से बिहार के नालंदा के रहने वाले अमित राज सैनिक स्कूल, पुरुलिया में 10वीं की पढ़ाई कर रहे थे। 7 दिसंबर को जब अमित अपने घर पर थे, तो पड़ोस में भीषण आग लग गई। पता चला कि घर के अंदर आग की लपटों में 3 बच्चे फंस गए हैं। ये सुनकर कैडेट अमित राज से रहा नहीं गया और वे फौरन बच्चों को बचाने के इरादे से घर में दाखिल हो गए। 

हालांकि, अमित ने तीनों बच्चों को तो बचा लिया लेकिन खुद आग से बुरी तरह झुलस गए. करीब 85 फीसदी जलने के बाद अमित को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन अमित वहां जिंदगी से जंग हार गए और 13 दिसंबर को कैडेट अमित ने अंतिम सांस ली। 

बहादुरी को सेना ने किया सैल्यूट

भले ही अमित राज ने दुनिया को अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनकी बहादुरी को देश हमेशा याद रखेगा। भारतीय सेना ने ट्वीट करके अमित की बहादुरी को सैल्यूट किया। सेना ने लिखा, '15 वर्षीय कैडेट अमित राज ने 3 बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। 

उनका ये बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा, सैल्यूट.' कैडेट अमित राज ने अपनी जान की परवाह किए बगैर आग की लपटों के बीच से तीन बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। हम उनकी बहादुरी को दिल से सलाम करते हैं।

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