Uttarakhand Glacier Burst : रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान आज 12 शव बरामद, 50 हुई मृतकों की संख्या

चमोली जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चलाए जा रहे बचाव अभियान के आठवें दिन रविवार को 12 शव मिलने से आपदा से मरने वालों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है।


उत्तराखंड : चमोली जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चलाए जा रहे बचाव अभियान के आठवें दिन रविवार को 12 शव मिलने से आपदा से मरने वालों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है। एसडीआरएफ ने इसकी जानकारी दी है। 520 मेगावाट की एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए पिछले एक सप्ताह से सेना, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिवादन बल) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस का संयुक्त बचाव अभियान युद्धस्तर पर चल रहा है।

जानकारी मुताबिक़, एनडीआरएफ के कमांडेंट आरके तिवारी ने बताया कि तीन शव आडिट टनल में मिले जहां मलबा और गाद साफ करने का काम चल रहा है। 

चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि इनमें से दो शवों की पहचान हो गयी है। एक की पहचान टिहरी जिले के नरेंद्रनगर के रहने वाले आलम सिंह तथा दूसरे की पहचान देहरादून के कालसी के रहने वाले अनिल के तौर पर की गई है।


रैणी गांव से मिले दो शव

रैणी गांव से रेस्क्यू टीम को दो शव मिले हैं. तपोवन और रैणी क्षेत्र से अब तक 40 शव बरामद हो चुके हैं। वहीं, सुरंग से तीन शव मिल चुके हैं। कुल मृतकों की संख्या 50 पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि मौके पर एक हैलीकॉप्टर भी तैयार है जिससे अगर सुरंग से कोई व्यक्ति जीवित अवस्था में मिले तो उसे तत्काल मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।

इसके अलावा, राज्य आपदा प्रतिवादन बल के सूत्रों से मिली सूचना के अनुसार, रैंणी गांव से भी रविवार को एक शव बरामद हुआ जिसकी पहचान अभी नहीं हुई है।

सात फरवरी को चमोली की ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ के बाद अब तक 50 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 162 अन्य अभी भी लापता हैं। इन लापता लोगों में तपोवन सुरंग में फंसे लोग भी शामिल हैं। बाढ़ के कारण 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गई जबकि तपोवन विष्णुगाड को भारी क्षति पहुंची थी।

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