उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला, 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक होगा हरिद्वार में कुंभ

हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ 2021 अब सिर्फ अप्रैल माह में ही संपन्न हो जाएगा। आम तौर पर जनवरी से ही कुंभ की शुरुआत हो जाती है लेकिन कोविड के कारण कुंभ मेला अप्रैल माह में ही होगा। 


उत्तराखंड : हरिद्वार से एक बड़ी ख़बर सामने आई है। हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ 2021 अब सिर्फ अप्रैल माह में ही संपन्न हो जाएगा। इस साल 2021 में हरिद्वार में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है जिसे लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। आपको बता दें, लेकिन कोरोना महामारी को मद्देनजर रखते हुए इस साल कुंभ मेले की अवधि को घटा दिया गया है। 

साथ ही कोरोना को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार ने जरूरी गाइडलाइन्स भी जारी की हैं। इस साल हरिद्वार कुंभ की शुरुआत 1 अप्रैल से होगी और समापन 30 अप्रैल को होगा। पहले कुंभ मेले की शुरुआत 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा के दिन से होनी थी और समापन 27 अप्रैल को होना था यानी करीब 2 महीने के लिए, लेकिन अब कुंभ मेले की अवधि को घटाकर सिर्फ 1 महीने यानी 30 दिनों का कर दिया गया है।  

जानकारी मुताबिक़, मंगलवार को मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन ओमप्रकाश ने आदेश जारी किए हैं, जिसमें यह बताया गया है कि कुंभ 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक रहेगा। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी लागू रहेगी या राज्य सरकार अपने दूसरे नियम लागू करेगा।

 

कब-कब होंगे शाही स्नान

कुंभ मेले की अवधि कम करने के साथ ही शाही स्नान की संख्या में भी कमी की गई है। पहले  जहां कुंभ मेले के दौरान 4 शाही स्नान होते थे उसे इस बार घटाकर 3 कर दिया गया है। हरिद्वार कुंभ मेला 2021 के दौरान अप्रैल के महीने में 3 शाही स्नान होंगे।

- पहला शाही स्नान 12 अप्रैल (सोमवती अमावस्या)

- दूसरा शाही स्नान 14 अप्रैल (बैसाखी) 

- तीसरा शाही स्नान 27 अप्रैल (पूर्णिमा के दिन) 

कुंभ मेले के दौरान इन जरूरी बातों का रखें ध्यान

- कुंभ मेले में आने वाले व्यक्ति के लिए जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति हरिद्वार आने की तारीख से 72 घंटे पहले तक की नेगेटिव कोविड RT-PCR रिपोर्ट साथ लेकर आए।

- कुंभ मेला हरिद्वार में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति या यात्री को महाकुंभ मेला, 2021 के वेब पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन (Registration) करवाना होगा, केवल रजिस्टर्ड लोगों को ही एंट्री मिलेगी।

- किसी भी श्रद्धालु/ श्रद्धालुओं के जत्थे को पवित्र स्नान के लिए अधिकतम 20 मिनट का समय ही दिया जाएगा।

- इन सबके अलावा थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क का हर समय उपयोग (Mask) अनिवार्य होगा और सामाजिक दूर (Social Distancing) का भी पालन करना होगा.

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