बड़ी ख़बर : कूड़ा बीनने, गुब्बारे बेचने, भीख मांगने वाले 735 बच्चे जल्द जाएंगे स्कूल : उत्तराखंड पुलिस

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने 'भिक्षा नहीं शिक्षा दें' अभियान की शुरुआत की थी। इसके तहत प्रदेश की 13 जिलों की पुलिस व जीआरपी ने 1438 बच्चों का सत्यापन किया था।


उत्तराखंड पुलिस ने भिक्षावृत्ति अथवा बच्चों से भीख मंगवाने को रोकने तथा उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित किये जाने के लिए संचालित अभियान ऑपरेशन मुक्ति' में पिछले पंद्रह दिनों में कुल 735 बच्चों को विद्यालयों में प्रवेश के लिये चिह्नित किया गया है।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने 'भिक्षा नहीं शिक्षा दें' अभियान की शुरुआत की थी। इसके तहत प्रदेश की 13 जिलों की पुलिस व जीआरपी ने 1438 बच्चों का सत्यापन किया था। इसके बाद स्कूल में प्रवेश के लिए 735 बच्चों को चिह्नित किया गया है। अभियान की नोडल अधिकारी व एसपी अपराध एवं कानून व्यवस्था श्वेता चौबे ने बताया कि प्रदेश में एक मार्च से 30 अप्रैल तक अभियान चलाया जा रहा है।

अभियान का उद्देश्य बच्चों में भिक्षावृत्ति रोकने, भिक्षा न देने को लेकर जनता को जागरूक करने, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करना है। इसमें विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं का सहयोग लिया जा रहा है।

इसमें देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर व नैनीताल में चार टीमें कार्य कर रही हैं। अन्य जनपदों में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट इस अभियान से जुड़ी है। रेलवे में भी एक टीम का गठन किया गया है। अभियान को तीन चरणों में बांटा गया है। 

पहला चरण एक मार्च से 15 मार्च, दूसरा 16 से 31 मार्च व तीसरा एक से 30 अप्रैल तक चलाया जा रहा है। अभियान का प्रथम चरण एक से 15 मार्च तक चलाया गया। इसमें भिक्षा मांगने, कूड़ा बीनने, गुब्बारे बेचने में लगे बच्चों का सत्यापन किया गया, जिसमें 735 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला किए जाने के लिए चिह्नीकरण किया गया। 

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि सड़कों पर भिक्षा मांग रहे बच्चों को शिक्षित करने के लिए यह विशेष अभियान शुरू किया गया है। पहले चरण में स्कूलों में दाखिला करने के लिए बच्चों का चिह्नीकरण किया गया है। सर्व शिक्षा अभियान या शिक्षा विभाग से समन्वय बनाकर इन बच्चों का दाखिला करवाया जाएगा। यदि बच्चों को किसी भी तरह की जरूरत होती है तो गैर सरकारी संगठनों का सहयोग लिया जाएगा। 

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