इस बार चारधाम आने वाले यात्रियों का फोटोमैट्रिक पंजीकरण किया जाएगा। इससे पर्यटन विभाग के पास प्रत्येक तीर्थयात्री का फोटो के साथ पूरा रिकॉर्ड रहेगा। पंजीकरण की व्यवस्था ऑनलाइन और ऑफलाइन रहेगी।
इस बार चारधाम आने वाले यात्रियों का फोटोमैट्रिक पंजीकरण किया जाएगा। इससे पर्यटन विभाग के पास प्रत्येक तीर्थयात्री का फोटो के साथ पूरा रिकॉर्ड रहेगा। पंजीकरण की व्यवस्था ऑनलाइन और ऑफलाइन रहेगी। पिछले साल कोविड महामारी के कारण चारधाम यात्रा प्रभावित हुई थी। लेकिन इस बार पर्यटन विभाग ने समय से पहले तैयारियां शुरू कर दी है। पहली बार यात्रा पर आने वाले यात्रियों की फोटोमैट्रिक पंजीकरण की व्यवस्था की जा रही है। जिससे चारधामों के दर्शन को जाने वाले यात्रियों का फोटो युक्त रिकॉर्ड पर्यटन विभाग के पास रहेगा। फोटोमैट्रिक पंजीकरण का मकसद है कि किसी आपातकालीन स्थिति में लोगों की पहचान आसानी से हो सके। वर्ष 2013 में केदारनाथ त्रासदी में हजारों लोगों की जान गई थी, जबकि लापता लोगों का आज तक पता नहीं चल पाया है।
पिछले साल 10 प्रतिशत ही तीर्थयात्री आए
कोविड महामारी के कारण गत वर्ष चारधाम यात्रा पर मात्र 10 प्रतिशत तीर्थयात्री ही पहुंचे। वर्ष 2019 में चारधामों में 33 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे, जबकि 2020 में लगभग तीन लाख यात्री ही आए। कोरोना संक्रमण से सरकार ने एक जुलाई से प्रदेश के लोगों को यात्रा की अनुमति दी। जबकि 25 जुलाई से प्रदेश से बाहर के यात्री को सशर्त चारधाम यात्रा में अनुमति दी गई।
किस धाम के कपाट कब खुलेंगे
धाम कपाट खुलने की तिथि
केदारनाथ 17 मई 2021
बदरीनाथ 18 मई 2021
गंगोत्री 14 मई 2021
यमुनोत्री 14 मई 2021
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया की चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों का पंजीकरण किया जाता है। इस बार से प्रत्येक यात्री की फोटोमैट्रिक प्रणाली से पंजीकरण किया जाएगा। इसके लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह की पंजीकरण की सुविधा होगी। यात्रा पर आने वाले यात्री घर बैठे भी पंजीकरण कर सकेंगे।

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