कोरोना महामारी के दौरान लोग अपने नौकरी व कारोबार को छोड़कर घर में बैठने को विवश हो गए हैं। कोरोना का ऐसा दौर आया कि लोगों से उनके रोजगार छीन गए हैं।
उत्तराखंड : कोरोना महामारी के दौरान लोग अपने नौकरी व कारोबार को छोड़कर घर में बैठने को विवश हो गए हैं। कोरोना का ऐसा दौर आया कि लोगों से उनके रोजगार छीन गए हैं। तमाम लोग अपनी पढ़ाई-लिखाई और कमाई को छोड़कर घर में बैठे हैं, तो वहीं दूसरी और कुछ युवाओं में अलग करने की ललक भी दिखाई दी।
ऐसे ही एक युवक हैं, वन विभाग कॉलोनी के कालसी निवासी राहुल बिष्ट। जिन्होंने अपने आवास में रहकर ही नई रेसिपी तैयार कर यूट्यूब चैनल बनाकर आम लोगों तक पहुंचाई।
पेशे से शैफ राहुल बिष्ट वर्तमान में गोवा के एक प्रतिष्ठित होटल में बतौर शैफ कार्यरत हैं, परंतु लॉकडाउन के दौरान कालसी स्थित आवास पर रहकर उन्होंने नई-नई रेसिपी तैयार कर यूट्यूब चैनल बनाकर आम लोगों तक पहुंचाई। इसके अतिरिक्त पंडित दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना के तहत 50 से भी अधिक युवाओं को होटल मैनेजमेंट के निशुल्क कोर्स में एडमिशन दिलवाने का भी काम किया।
बता दें कि राहुल की प्राथमिक शिक्षा उनके पैतृक गांव नारायणबगड़ चमोली तथा उसके पश्चात कालसी में हुई। देहरादून से होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद रामनगर तथा राजस्थान में प्रतिष्ठित रेडिसन ब्लू ग्रुप होटल में बतौर शैफ कार्य करने के दौरान बेस्ट शैफ ऑफ द ईयर आदि के पुरस्कार भी हासिल किए।
राहुल ने बताया कि उनकी बनाई हुई अलग किस्म की रेसिपी में मुख्यता बैंगन का हलवा, मंडुवे के आटे की बर्फी, सात्विक हलवा, लहसुन की खीर को विशेष रूप से काफी अच्छा रिस्पांस मिला है। इसके अतिरिक्त वह स्थानीय व्यंजनों को नई रेसिपी के साथ बनाकर उत्तराखंड के पारंपारिक व्यंजनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने की कोशिश कर रहे हैं।
क्षेत्र के होटल व्यवसायी सुंदर सिंह रावत, कोमल शर्मा आदि का कहना है कि राहुल बिष्ट जैसे पेशेवर युवाओं के प्रयासों से उत्तराखंड के स्थानीय व्यंजनों को राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिलेगी।

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