उत्तराखंड के CM तीरथ ने नड्डा को सौंपा पत्र, कहा- राज्य में संवैधानिक संकट, जल्द दे सकते हैं इस्तीफा

शुक्रवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र दिया है कि वह इस्तीफा देना चाहते हैं। जानकारी के अनुसार, मुख्‍यमंत्री आज राज्‍यपाल से मुलाकात कर सकते हैं।


उत्तराखंड : प्रदेश से एक बड़ी ख़बर सामने आई है। आज शुक्रवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र दिया है कि वह इस्तीफा देना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार, इसके पीछे की वजह संवैधानिक संकट पैदा होना बताई जा रही है। 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात को उनके आवास पर पहुंचे। इससे पहले उन्होंने बुधवार रात को भी पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात की थी। आज शाम मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत दिल्ली से देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट के लिए अपने विशेष विमान से उड़ान भर चुके हैं। सूत्रों के हवालों मिल जानकारी के अनुसार, मुख्‍यमंत्री आज राज्‍यपाल से मुलाकात कर सकते हैं। साथ ही विधायक दल की बैठक कल हो सकती है।

मुख्‍यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पत्र में कहा हैं कि आर्टिकल 164-ए के हिसाब से उन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद छह माह में विधानसभा का सदस्य बनना था, लेकिन आर्टिकल 151 कहता हैं अगर विधान सभा चुनाव में एक वर्ष से कम का समय बचता हैं तों वहां पर उप-चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। उतराखंड में संवैधानिक संकट न खड़ा हो, इसलिए मैं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना चाहता हूं। 

उत्तराखंड में अगले साल विधान सभा चुनाव होने वाले हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को दिल्ली तलब किया गया था। उनके अलावा दो भाजपा के वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज और धन सिंह रावत को भी दिल्ली बुलाया गया। इसके बाद से ही कहा जा रहा था कि उत्तराखंड में अहम बदलाव हो सकता है।

मुख्‍यमंत्री तीरथ सिंह रावत वर्तमान समय में पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद हैं, लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने के लिए किसी सीट से विधानसभा चुनाव जीतना जरूरी था। रावत को मुख्यमंत्री बने 10 सितंबर को छह महीने पूरे हो जाएंगे। कोविड-19 की परिस्थितियों की वजह से उत्तराखंड में उप-चुनाव भी अभी तक नहीं हुए हैं।

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