उत्तराखंड : काली नदी में गिरी पोती, बचाने के लिए दादी ने भी लगा दी छ़लांग, दोनों बहे

पिथौरागढ़ जिले में झूलाघाट से करीब छह किमी दूर सीमू के लाटेश्वर मंदिर में आयोजित जनेऊ संस्कार में भाग लेने गईं दादी और पोती काली नदी में बह गई हैं। दोनों की तलाश जारी है। 


उत्तराखंड :
जनपद पिथौरागढ़ जिले में रविवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। जानकारी मुताबिक़, बता दें, झूलाघाट से करीब छह किमी दूर सीमू के लाटेश्वर मंदिर में आयोजित जनेऊ संस्कार में भाग लेने गईं दादी और पोती काली नदी में बह गई हैं। दोनों की तलाश जारी है। हुआ यूं कि पोती पैर फिसलने से काली नदी में गिर गई। यह देखकर बचाने के लिए दादी ने भी नदी में कूद मार दी थी। दोनों की तलाश जारी है। 

प्राप्त जानकारी मुताबिक़, काली नदी किनारे नेपाल सीमा से लगे कानड़ी ग्राम पंचायत के राजस्व गांव सीमू में काली नदी किनारे प्रमुख तीर्थस्थल लाटेश्वर मंदिर है। इस मंदिर में स्थानीय किशोरों का उपनयन संस्कार होता है। रविवार को भी गांव के एक किशोर का यहां पर जनेऊ संस्कार था। जिसमें भाग लेने तारा देवी 52 वर्ष पत्नी खड़क सिंह रावत अपनी आठ वर्षीय पोती लतिका पुत्री सुरेश सिंह रावत के साथ गई थी। 

यह भी पढ़े : उत्तराखंड में लॉकडाउन का दौर शुरू, मसूरी में बना कंटेनमेंट जोन, लोगों के एंट्री बैन

लतिका को प्‍यास लगी तो करीब एक बजे के वह पानी पीने के लिए अपनी दादी तारा देवी के साथ काली नदी किनारे गई। पानी पीने के दौरान लतिका का पांव फिसल गया और वह नदी में गिर पड़ी और बहने लगी। पोती के नदी में गिरते ही दादी तारा देवी ने उसे बचाने के लिए काली नदी में कूद मार दी और वह भी नदी के तेज बहाव में बह गई। 

यह भी पढ़े : उत्तराखंड में पिता को काॅल कर बोला मैं आपका बेकार बेटा हूँ और फिर कर ली आत्महत्या

कार्यक्रम स्‍थल पर लोगों को इसकी खबर लगी तो मौके पर भीड़ जुट गई। सूचना झूलाघाट थाने को दी गई। सूचना मिलते ही एसआइ चंद्र सिंह मेवाड़ी के नेतृत्व में पुलिस दल मौके को रवाना हुआ और सप्तड़ी एसएसबी चौकी से जवान भी पहुंचे । थानाध्यक्ष तारा सिंह राणा ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया है। दो घंटे से अधिक समय से दोनों की खोज जारी है लेकिन उनका का पता नहीं चल सका है।

Post a Comment

0 Comments