शहीद हिमांशु नेगी का आज 21वां जन्मदिन है। परिवार बेटे के जन्मदिन का इंतजार कर रहा था लेकिन इसके दो दिन पहले ही उसके शहीद होने से खबर मिल गयी। अब परिवार मातम में डूबा हुआ है, क्योंकि जन्मदिन पर ही उनके बहादुर बेटे का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचेगा।
उत्तराखंड : बीते बुधवार को पूर्वी सिक्किम में सेना का वाहन खाई में जा गिरी जिसमे चार जवानों की मौत हो गई। इस वाहन में कुमाऊं रेजीमेंट के 6 जवान सवार थे जिनमे से 4 की मौत हो गई। इन 4 में से दो जवान उत्तराखंड के थे, 7 कुमाऊं रेजिमेंट के थे, इसमें बृजेश रौतेला” रानीखेत के ताडी़खेत विकासखंड के निवासी बताए जा रहे हैं जबकि दूसरा जवान हिमांशु नेगी रामनगर जिला नैनीताल के रहने वाले बताए जा रहे है।
आपको बता दें, जन्मदिन वो खास दिन जिसका सभी को इंतजार रहता है और ये दिन माता-पिता के लिए भी खास होता है क्योंकि उस दिन उनको नई खुशियां मिलती है। क्यूंकि उस दिन उनका बच्चा दुनिया में आता है। जी हाँ आपको बता दें, अभी हाल ही में शहीद हुए हिमांशु नेगी का 2 जुलाई आज जन्मदिन है।लेकिन इस दिन की खुशियां हिमांशु के माता पिता और परिवार को नसीब नहीं हुई। बल्कि इस दिन हिमांशु नेगी का परिवार खुशियां नहीं बल्कि मातम में डूबा है। क्योंकि बर्थडे के दिन ही उनके बेटे का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचेगा।
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जी हाँ आज हिमांशु का पार्थिव शरीर दोपहर तक बागडोरा से सेना के विशेष विमान से दिल्ली लाया जाएगा। दिल्ली से काशीपुर उसके आवास पर एंबुलेंस से बाई रोड लाया जाएगा। शनिवार को सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
परिवार से मिली जानकारी के अनुसार काशीपुर में हेमपुर डिपो की पांडे कालोनी निवासी हिमांशु नेगी 27 मार्च 2019 को 7- कुमाऊं रेजीमेंट में बतौर सिपाही तैनात हुआ था। जम्मू कश्मीर में ड्यूटी करने के बाद वह पश्चिम बंगाल की बीनागुड़ी पोस्ट पर तैनात था। 45 दिन का अवकाश पूरा करने के बाद दो जून को ही ड्यूटी पर लौटा था।
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शहीद हिमांशु नेगी के पिता हीरा सिंह ने बताया कि शुक्रवार देर रात बेटे का पार्थिव शरीर घर पहुंचने की संभावना है। बताया कि आज बेटे का 21वां जन्मदिन था। कहा कि हर साल बेटे के जन्म दिन का खास इंतजार रहता। लेकिन इस साल उसके जन्म दिन से ठीक पहले उसकी मौत की सूचना मिली।
मिली जानकारी के अनुसार हिमांशु नेगी परिवार के इकलौते कमाने वाले थे। हिमांशु का एक भाई विकलांग है जबकि दूसरे भाई का हाथ खराब है। हिमांशु की एक बहन है जो की बीएससी फर्स्ट ईयर में पढ़ाई कर रही है। हिमांशु के दादा भी आर्मी में थे जो 1980 में गंगटोक में शहीद हुए थे। हिमांशु के घर में मां कमला देवी, दो भाई, एक बहन और दादी रहती है।

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