उत्तराखंड : आज से फूलों की घाटी का दीदार कर सकेंगे पर्यटक, पर्यटकों के लिए यह होगा अनिवार्य

कोरोना संक्रमण के केस कम होते देख और फूलों की घाटी का जायजा लेने के बाद एक जुलाई से फूलों की घाटी को खोलने का निर्णय लिया गया है। 


उत्तराखंड : कोरोना संक्रमण के केस कम होते देख और फूलों की घाटी का जायजा लेने के बाद एक जुलाई से फूलों की घाटी को खोलने का निर्णय लिया गया है। घाटी में आने वाले पर्यटकों को कोविड निगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य होगी। 

बीते साल कोविड के चलते घाटी को एक अगस्त को खोला गया था, लेकिन इस साल घाटी को एक महीने पहले ही खोला जा रहा है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के उपवन संरक्षक नंदा बल्लभ शर्मा ने बताया कि बीते दिनों वन विभाग के उच्चाधिकारियों ने तीन दिनों तक घाटी का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। घाटी में जाने वाले पैदल रास्ते और पुलिया की मरम्मत की जा चुकी है। साथ ही पौलीगोनम घास को उखाड़ने का काम भी इन दिनों चल रहा है। 

घाटी का जायजा लेने के लिए नंदादेवी बायोस्फेयर के प्रभावी निदेशक व वन संरक्षक अमित कंवर और नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के उप वन संरक्षक नंदा बल्लभ शर्मा टीम के साथ गए थे और मंगलवार को लौटे। इसके बाद घाटी को खोलने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि घाटी को सैलानियों के लिए खोलने की पूरी तैयारी कर ली गई है। 


घांघरिया चौकी से वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती हरी झंडी दिखाकर घाटी में सैलानियों के जाने की शुरुआत करेंगे। डीएफओ नंदा बल्लभ शर्मा ने बताया कि घाटी में आने वालों को कोविड नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। दूसरे राज्यों के पर्यटक भी कोविड नियमों का पालन करते हुए आ सकते हैं। बर्फ से लकदक पहाड़ों के बीच स्थित फूलों की घाटी में रंगे-बिरंगे फूल खिलने लगे हैं। घाटी में चारों ओर हरियाली है।

उन्होंने बताया कि अभी यहां पर करीब 50 तरह की प्रजाति के फूल खिले हुए हैं, जबकि जुलाई खत्म होने और अगस्त के बीच में करीब 300 से अधिक प्रजाति के फूल खिलते हैं। इन दिनों यहां जापान का राष्ट्रीय पुष्प ब्लू पॉपी, फ्रीटीलारिया, हिमालियन स्लीपर, हत्था जड़ी समेत कई प्रजातियों के फूल खिले हुए हैं। यहां जुलाई से अगस्त के बीच का समय घूमने के लिए सबसे अच्छा होता है।

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