उत्तराखंड की राजनीति में पिछले 4 दिनों से चले आ रहे सियासी भूचाल का आज मंगलवार को इस चीज से पटाक्षेप हो गया कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है।
उत्तराखंड की राजनीति में पिछले 4 दिनों से चले आ रहे सियासी भूचाल का आज मंगलवार को इस चीज से पटाक्षेप हो गया कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है। पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड की राजनीति में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच आज सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत जब देहरादून पहुंचे तो सियासी गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे।
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इस बीच खबर आई कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत जनता के बीच लोकप्रिय छवि के नेता रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा। इसी पर देश का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उत्तराखंड में 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। उन्हें भी अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले ही कुर्सी छोड़नी पड़ी। उत्तराखंड की राजनीति का मिजाज ही कुछ ऐसा है कि यहां किसी मुख्यमंत्री का 5 साल तक बने रहना मुश्किल हो जाता है।
प्रदेश में अभी तक नारायण दत्त तिवारी को छोड़कर किसी मुख्यमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। साल 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी ने 9 नवम्बर 2000 को शपथ ली थी, लेकिन 29 अक्टूबर 2001 को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद बीजेपी ने भगत सिंह कोश्यारी को सीएम पद की कमान सौंपी। उन्होंने 30 अक्टूबर 2001 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन वो भी एक मार्च 2002 तक ही अपनी कुर्सी पर बने रह सके।
साल 2002 में कांग्रेस सत्ता में आई और नारायण दत्त तिवारी मुख्यमंत्री बने। नारायण दत्त तिवारी उत्तराखंड के अकेले ऐसे मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने साल-2002 से 2007 तक अपना कार्यकाल पूरा किया। साल 2007 में बीजेपी की प्रदेश की सत्ता में फिर से वापसी हुई।
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इस दौरान तीन मुख्यमंत्री बदले। पहले भुवन चन्द्र खंडूरी, फिर रमेश पोखरियाल निशंक और फिर बाद में दोबारा भुवन चन्द्र खंडूरी सीएम बने। साल 2012 में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की। इस बार भी पांच साल में दो सीएम बदले। पहले विजय बहुगुणा और बाद में हरीश रावत ने सीएम पद की शपथ ली। साल 2017 में बीजेपी फिर से सत्ता में आई।
18 मार्च 2017 को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि सीएम त्रिवेंद्र अपना कार्यकाल पूरा करेंगे, लेकिन ‘अपनों’ की राजनीति से सीएम त्रिवेंद्र भी नहीं बच सके। चर्चाएं हैं कि सीएम ने इस्तीफा दे दिया है, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
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