राज्य सरकार ने कोविड की वजह से पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से बंद चल रहे कक्षा एक से पांचवीं तक के सरकारी और निजी स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है।
राज्य सरकार ने कोविड की वजह से पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से बंद चल रहे कक्षा एक से पांचवीं तक के सरकारी और निजी स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है। कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूल खोलने के संबंध में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत की। सीएम की अनुमति के बाद 21 सितंबर से स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा सचिव को निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए कक्षा एक से बारहवीं तक के स्कूलों को मार्च 2020 से बंद कर दिया गया था। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के मुताबिक देश और प्रदेश में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या कम हुई है। परिस्थितियां भी सामान्य हुई है, लेकिन कोविड पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि स्कूल खोलने के दौरान एसओपी का पालन किया जाए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल खुलने के बावजूद बच्चों की ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से पढ़ाई जारी रहेगी। अभिभावकों पर बच्चों को स्कूल भेजने का दबाव नहीं बनाया जाएगा।
अभिभावकों की सहमति जरूरी
बच्चों को स्कूल भेजना है या नहीं, यह अभिभावकों पर ही निर्भर करेगा। अभिभावकों की सहमति के बाद ही बच्चों को स्कूल में आने की अनुमति दी जाएगी। इस संबंध में शिक्षा विभाग आदेश जारी करेगा। उसके साथ ही स्कूलों में सैनिटाइजर, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाएगा, ताकि छोटे बच्चों की सेहत से किसी भी तरह का खिलवाड़ ना हो सके। वहीं, स्कूलों में छात्रों की अधिक संख्या होने पर यह भी निर्णय लिया जा सकता है कि सम, विषम के आधार पर बच्चों को स्कूल बुलाया जाए।
प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय चौहान ने कहा कि स्कूल खोलने का निर्णय सही है। स्कूल बंद होने पर संसाधनों की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई पर इसका असर पड़ रहा था। एसओपी को ध्यान में रखते हुए स्कूल खुलने चाहिए।
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