मंगलवार को पुलिस और एसडीआरएफ की टीम द्वारा उनके शवों को ढूंढा। और अब खबर आई है की एसडीआरएफ की टीम ने 8 वर्षीय पोती का शव बरामद कर लिया है, और अभी तक पोती की दादी का कुछ पता नहीं चला है।
उत्तराखंड : जनपद पिथौरागढ़ से बीते रविवार को एक बड़े हादसे में दादी-पोती, काली नदी में बह गए थे। पुलिस को सूचना मिलते ही टीम अपने काम में जारी थी। बता दें, आज मंगलवार को पुलिस और एसडीआरएफ की टीम द्वारा उनके शवों को ढूंढा। और अब खबर आई है की एसडीआरएफ की टीम ने 8 वर्षीय पोती का शव बरामद कर लिया है, और अभी तक पोती की दादी का कुछ पता नहीं चला है।
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प्राप्त जानकारी मुताबिक़, काली नदी किनारे नेपाल सीमा से लगे कानड़ी ग्राम पंचायत के राजस्व गांव सीमू में काली नदी किनारे प्रमुख तीर्थस्थल लाटेश्वर मंदिर है। इस मंदिर में स्थानीय किशोरों का उपनयन संस्कार होता है। रविवार को भी गांव के एक किशोर का यहां पर जनेऊ संस्कार था। जिसमें भाग लेने तारा देवी 52 वर्ष पत्नी खड़क सिंह रावत अपनी आठ वर्षीय पोती लतिका पुत्री सुरेश सिंह रावत के साथ गई थी। प्राइमरी स्कूल कानड़ी में कक्षा तीन में पढ़ती थी।
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आपको बता दें, रविवार को गांव के अरुण चंद का मुंडन संस्कार था, जिसमे लतिका अपनी 55 वर्षीय दादी तारा देवी के साथ महाकाली नदी के किनारे स्थित लाटेश्वर मन्दिर में पहुंची थी, वहीं उसे प्यास लगने पर वो नदी के किनारे गई और उसका पैर फिसल गया, पोती को डूबता देख दादी ने भी नदी में अपनी पोती को बचाने के लिए कूद गई, उसके बाद से उनका कुछ पता नहीं चल पा रहा था लेकिन खबर मिली है की एसडीआरएफ के टीम ने पूरा दिन रेस्क्यू ऑपरेशन करके लतिका का शव बरामद किया है। वहीं इस खबर से पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है। वहीं दादी का अभी तक कुछ पता नही चला है।
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